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सुभाषित 3

Writer's picture: TutuMeme Team !TutuMeme Team !

एकवर्णं यथा दुग्धं भिन्नवर्णासु धेनुषु । तथैव धर्मवैचित्र्यं तत्त्वमेकं परं स्मृतम् ॥


जिस प्रकार विविध रंग रूप की गायें एक ही रंग का (सफेद) दूध देती है,

उसी प्रकार विविध धर्मपंथ एक ही तत्त्व की सीख देते है

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