सुभाषित 3
- TutuMeme Team !
- Dec 3, 2017
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एकवर्णं यथा दुग्धं भिन्नवर्णासु धेनुषु । तथैव धर्मवैचित्र्यं तत्त्वमेकं परं स्मृतम् ॥
जिस प्रकार विविध रंग रूप की गायें एक ही रंग का (सफेद) दूध देती है,
उसी प्रकार विविध धर्मपंथ एक ही तत्त्व की सीख देते है
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