top of page
  • Writer's pictureTutuMeme Team !

सुभाषित 5

कन्या वरयते रुपं माता वित्तं पिता श्रुतम् बान्धवा: |

कुलमिच्छन्ति मिष्टान्नमितरेजना: ||


विवाह के समय कन्या सुन्दर पती चाहती है|

उसकी माताजी सधन जमाइ चाहती है।

उसके पिताजी ज्ञानी जमाइ चाहते है|

तथा उसके बन्धु अच्छे परिवार से नाता जोडना चाहते है।

परन्तु बाकी सभी लोग केवल अच्छा खाना चाहते है।


17 views0 comments

Recent Posts

See All

सुभाषित 4

अलसस्य कुतो विद्या अविद्यस्य कुतो धनम् । अधनस्य कुतो मित्रम् अमित्रस्य कुतो सुखम् ॥ आलसी मनुष्य को ज्ञान कैसे प्राप्त होगा ? यदि ज्ञान...

सुभाषित 3

एकवर्णं यथा दुग्धं भिन्नवर्णासु धेनुषु । तथैव धर्मवैचित्र्यं तत्त्वमेकं परं स्मृतम् ॥ जिस प्रकार विविध रंग रूप की गायें एक ही रंग का...

सुभाषित 2

शैले शैले न माणिक्यं मौक्तिकं न गजे गजे । साधवो न हि सर्वत्र चन्दनं न वने वने ।। - हितोपदेश हर एक पर्वत पर माणिक नहीं होते, हर एक हाथी...

Комментарии


bottom of page